हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने विकलांगो का सज्दा करने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवाल: जो लोग अपने कर्तव्य के तहत सजदा करने के लिए कुर्सी पर बैठते हैं और अपने सामने रखी मेज पर सज्दा करते हैं, क्या यह सजदा गिना जाएगा और सजदे के सात अंगों को जमीन पर रखने के बारे में उनकी क्या जिम्मेदारी है?
जवाब: अगर ये इस तरह से है कि वो टेबल पर झुक कर सजदा कर सकें तो सजदा गिना जाएगा और जहां तक हो सके सजदे के अंगों का ख्याल रखना जरूरी है। इसलिए अगर सज्दे को हाथों में उठाकर पेशानी पर रखा जाए तो सजदा सही नहीं है, लेकिन घुटनों को किसी चीज पर रखना जरूरी नहीं है।